हेल्थ अच्छी रखें तो रिटायरमेंट के बाद वेल्थ भी अच्छी

Healthहेल्थ अच्छी रखें तो रिटायरमेंट के बाद वेल्थ भी अच्छी

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एक कहावत है, हेल्थ इज वेल्थ. हालांकि अक्सर लोग इसे अनदेखा करते हैैं, जिसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैैं. वैसे पिछले कुछ वर्षों में फिटनेस के बारे में जागरुकता बढ़ी है, लेकिन देश के लोग अभी भी बहुत से मापदंडों पर खराब प्रदर्शन कर रहे हैं. फिटनेस डिवाइस प्लेटफॉर्म गोकी की ओर से की गई एक स्टडी के अनुसार, 45 वर्ष से कम आयु के भारतीयों में 2018 में इससे पिछले वर्ष की तुलना में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में वृद्धि देखी गई. डायबीटीज के मामले 3.6 पर्सेंट से बढ़कर 5.1 पर्सेंट, हाई ब्लड प्रेशर के 4.9 पर्सेंट से बढ़कर 9.4 पर्सेंट, हाई कॉलेस्ट्रॉल के 5.4 पर्सेंट से बढ़कर 12.1 पर्सेंट हो गए. इस वर्ष सिग्ना 360 की ओर से किए गए एक सर्वे में पता चला है कि लगभग 82 पर्सेंट भारतीय तनाव का सामना कर रहे हैं. इसके पीछे नौकरी, स्वास्थ्य और फाइनेंस से जुड़े मुद्दे बड़े कारण हैं. 

बेहतर स्वास्थ्य का फायदा

स्वास्थ्य अच्छा रखने का वित्तीय लाभ से सीधा संबंध होने पर क्या होगा? क्या इससे अधिक लोग फिटनेस को लेकर सतर्क होंगे? कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों का ऐसा ही मानना है. मनिपाल सिग्नाए मैक्स बुपा और आदित्य बिड़ला हेल्थ ऐसे प्रॉडक्ट्स ऑफर करती हैं जो फिटनेस ऐक्टिविटीज की निगरानी करते हैं और उन्हें प्रोत्साहन देते हैं. एक्सपट्र्स के मुताबिक, इन बेनिफिट्स में सामान्य हेल्थ चेकअप शामिल हैं जिनसे आपको कवरेज बढ़ाने या प्रीमियम घटाने में मदद मिल सकती है. 

टाली जा सकती है बीमारी 

एक्सपट्र्स का कहना है कि निरंतर निगरानी और सक्रिय रहने से जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को टाला जा सकता है. बहुत से व्यक्तियों को 25-30 वर्ष की आयु में डायबिटीज हो रही है. इसे आसानी से 10-20 वर्ष टाला जा सकता है और बहुत से मामलों में इसे संतुलित डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज से पूरी तरह रोका जा सकता है. जानकार मानते हैैं कि योग और अन्य एक्सरसाइज से अगर आपको डायबिटीज या अन्य बीमारियां हैं भी तो नियमित खर्चे कम किए जा सकते हैैं. हालांकि इस तरह के खर्चों से बचने के लिए युवा आयु से स्वास्थ्य पर ध्यान देकर डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है.

अलग हेल्थ फंड है जरूरी 

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अच्छी सेहत का कोई विकल्प नहीं है. अगर आपने युवावस्था में हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो भी आपकी रिटायरमेंट के करीब प्रीमियम बहुत अधिक बढ़ सकता है. एक्सपट्र्स के मुताबिक, 60 या 70 वर्ष की आयु में हेल्थ प्रीमियम आपके बजट से ज्यादा हो सकता है. 5 लाख रुपए की पॉलिसी के लिए रिन्यूअल प्रीमियम बढ़कर 70,000 रुपए तक जा सकता है. बहुत से लोग इस आयु में अपनी पॉलिसी बंद भी कर देते हैं. इसके परिणाम में उनके पास अधिक उम्र में कोई कवर नहीं बचता. आपके नौकरी के वर्षों में रिटायरमेंट के लिए एक अलग हेल्थ फंड बनाना महत्वपूर्ण है. रिटायरमेंट के लिए योजना बनाते समय आपको नियमित खर्चों के साथ ही हॉस्पिटल में भर्ती होने जैसे एक बार के खर्चों का भी ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा आपको ऐसी ऐक्टिविटीज के बारे में सोचना चाहिए जो आपको व्यस्त रखें. 

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